रिमझिम बरस जा।
बचपन के वे दिन! - Mr Shayar Online

बचपन के वे दिन!

वे दिन कुछ खास और अच्छे थे,जब हम छोटे बच्चे थेना किताबें थीं, ना पढ़ाई थी,सिर्फ़ खेल कूद और लड़ाई थी।आज हम जो बड़े हो गए हैं,लगता है जैसे कहीं…