बारिश का वो एक दिन।

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MR ShAYAR OnLINE Poem

बारिश का वो एक दिन कुछ यूं यादगार बन गया,
ना चाहा था जिसे इस तरह, वो मेरा दिलदार बन गया।

मासूमियत ना थी उसमें, था थोड़ा सा लड़कपन
डर ना किसी का था उसको, जीती थी वो कुछ यूं जीवन
खड़ी हुई थी एक कोने पर, बारिश रुकने की आस लिए
गुज़र रहा था तभी वहीं से, मैं दिल में एहसास लिए।

हाथ हिलाकर हवा में उसने, Excuse Me कहकर मुझे पुकारा था
मैं बेचारा ना समझा कि, ये कैसा इशारा था
लगा मुझे कि पास बुलाकर, छाते में मेरे वो आएगी
क्या पता था मुझको कि एक दास्तान बन जाएगी।

करीब जा पहुंचा मैं उसके, समय लगी वो पूछने
मैंने देखी उसकी आंखें, जाने लगा क्या सोचने
समय बताया उसको मैंने, उसने सोचा कुछ एक पल
पता चला कि बस थी उसकी, बारिश में जो गई निकल

सोचा मैंने अब ये लड़की खुद पर ही पछताएगी
काम अधूरा रह गया उसका, तो निराश रह जाएगी
पर हुआ ना कुछ भी ऐसा, जानकर वो उठी चहल
जैसे पहली बारिशों में मेंढक जाते उछल-उछल

बजाय आने के छाते में, उसने खुद को लिया संभाल
लगी भीगने बारिश में वो, बांध दुपट्टा खोले बाल
उसे भीगते देखकर, हुआ अचंभा मुझे सवाल
मैं इस लड़की को क्या समझा, और ये निकली बड़ी कमाल

देख उसे यूं नाचते, मैं भी बहुत खुश हुआ
सुनकर उसकी खिलखिलाहट, दिल में मेरे कुछ-कुछ हुआ
छोड़ सारी शर्माहट को, मैंने छाता छोड़ दिया
भूलकर सारी दुनिया, उसपर दिल अपना मोड़ दिया

फिर क्या…

ना कुछ सोचा, ना कुछ समझा, गया मैं उसके पास में
सुन सकता था उसकी धड़कन, मैं अपनी हर सांस में

बिना रुके फ़िर, बिना थके फ़िर, सुना दिए नग्मे चाहत के
ठंड लग रही थी बारिश में, कांप रहा घबराहट से

कह दिया जो था दिल में फ़िर, सोचा वह क्या बोलेगी
हां बोलेगी, ना बोलेगी, या मुझसे मुंह मोड़ेगी

पर हुआ विपरीत उसके, देख मुझे वो मुस्काई
चाहत थी उसके भी दिल में, मुझको उसने बात बताई

तब जाकर मैं समझा कि, ये सब तो एक बहाना था
इंतज़ार किया था उसने कब से, उसको ये बताना था

जाना मैंने कि वो एक दिन मेरे कॉलेज में आई थी
वहीं अचानक हम दोनों की नज़रें भी टकराई थीं

था जल्दी में उस वक़्त तो मैंने ज़्यादा ध्यान ना दिया
आकर्षण की लौ आंखों में, मेरी भी उसने देख लिया

उसके बाद कभी भी किस्मत, हम दोनों को ना पास लाई
पर इस प्यार को पा लेगी, वो ऐसा फ़िर ठान गई

वो दिन था फ़िर ये दिन था, मौका दिल उसका पा ही गया
ठंडी हवाएं, रिमझिम फुहारें, मौसम का जादू छा ही गया

इसीलिए बारिश का वो दिन, हरपल मुझको याद रहेगा
बनेगा इस मौसम जो रिश्ता, आजीवन आबाद रहेगा।