नारी का सम्मान।

नारी का सम्मान। Poetry Hindi Poem Hindi Kavita
नारी का सम्मान।

जिसके मन में नारी का सम्मान होता है,
वो ही सच्चे अर्थ में इंसान होता है।

नारी ही तो धर्म, संस्कृति, राष्ट्र का आधार है
नारी को जो ठुकरा दे उसपर तो सब धिक्कार है
नारी तो है गर्व हमारा, सहृदय सत्कार करो
नारी को समझो, स्नेह बढ़ाओ, उसपर ना अत्याचार करो
जो नारी की प्रीत से अनजान ना होता है
वो ही सच्चे अर्थ में इंसान होता है।

नारी को ना कम आंको तुम, वो तो दुर्गा काली है
वो है सरस्वती, वो है लक्ष्मी, वो ही शेरावाली है
नारी से है सृष्टि सारी, वो तो जग करतार है
प्रेम, ममता और समर्पण नारी के अवतार हैं
जिसको नारी-त्याग का संज्ञान होता है,
वो ही सच्चे अर्थ में इंसान होता है।

नारी जो ना होती जग में, ना होता ये जग सारा
पुरुष नहीं कर पाता कुछ भी, फिर भटका फिरता आवारा
मां, बेटी और बहन के रिश्तों ने बहुत कुछ सिखाया है
पूर्व काल से ऋषियों ने भी नारी को श्रेष्ठ बताया है
कन्याधन से जो कोई धनवान होता है,
वो ही सच्चे अर्थ में इंसान होता है।
जिसके मन में नारी का सम्मान होता है,
वो ही सच्चे अर्थ में इंसान होता है।