दिन रात सुनना चाहूँ मैं, मीठी सी वो सारी बातें हीं काफी हैं,
तेरी यादें हीं काफी हैं!कभी ना कभी तो पूरी होंगी, तुझे पाने कि वो मुरादें हीं काफी हैं
तेरी यादें हीं…तेरे नाम पर हर पल करूँ जो, वो फरियादें हीं काफी हैं
तेरी यादें हीं…इंतज़ार में तेरे भीगता रहूँ मैं, चाहत की वो बरसातें हीं काफी हैं
तेरी यादें हीं…ख्वाबों में आकर मासूम सी तेरी, वो खुराफातें हीं काफी हैं
तेरी यादें हीं…कच्ची सी ही सही, अपनी प्यार कि वो बुनियादें हीं काफी हैं
तेरी यादें हीं…बेबाक तेरी अदाओं के, वो झूठे वादे ही काफी हैं
तेरी यादें हीं…सपनों में जो होती रहती हैं, अपनी वो मुलाकातें हीं काफी हैं,
तेरी यादें हीं…चाहे कुछ देर के लिए ही सही, लम्हे ये आते जाते ही काफी हैं
तेरी यादें हीं काफी हैं, तेरी यादें हीं काफी हैं!
Posted inPOEM
तेरी यादें हीं काफ़ी हैं।

तेरी यादें हीं काफ़ी हैं।
You must be logged in to post a comment.