भूले बिछड़े हैं जो कब से
याद वो जज़्बात करें,
चलो दिल की बात करें…साथ सफर में छूट गए जो
मिलकर उनके साथ करें,
चलो दिल की….आगे बढ़ने से जो रोकें
पराजीत हर हालात करें,
चलो दिल की…अंधियारों से लड़कर अब तो
ख़ुशियों की सु-प्रभात करें,
चलो दिल की….गर दिल जो आ जाए किसी पर
इज़हार-ए-इश्क अकस्मात करें,
चलो दिल की…मिट जाएं गम सारे सबके
कुछ ऐसी करामात करें,
चलो दिल की….उम्मीदों की नई रोशनी
से दिन की शुरुआत करें,
चलो दिल की….लिपटे हुए अपनी बातों में
बयां सारे खायालात करें,
चलो दिल की….जब मिल जाए सबसे फुर्सत
चाहे दिन या रात करें,
चलो दिल की….दूर हुए जो सपने हमसे,
अब उनसे मुलाक़ात करें,
चलो दिल की….
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चलो, दिल की बात करें।
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चलो, दिल की बात करें।
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