तेरी हर बात में।

तेरी हर बात में। Poetry Hindi Poem Hindi Kavita
तेरी हर बात में।

यूँ बेवजह शरमाके इतराना, साफ़ झलकता है
तेरी हर बात में।

माना कि मैं प्यार में हूँ, पर अलग सा नशा है
तेरी हर बात में।

अदाएं तो बहुत सी देखी हैं, एक अजब सा नशा है
तेरी हर बात में।

बातें चाहे किसी कि भी हों, ज़िक्र बस मेरा है
तेरी हर बात मे।

मुझे देख शब्दों में उलझना, नहीं बेवजह है,
तेरी हर बात में।

पास आते ही इतराना मेरी तरह है
तेरी हर बात में।